Ghar बनाना हर किसी का सपना होता है। लेकिन घर बनाने के लिए लाखों रूपए खर्च होते हैं। ऐसे में इंसान मेहनत करके पाई-पाई जोड़ता है और फिर अपने सपने का आशियाना बनाता है। Ghar होना बेहद जरूरी भी हो क्योंकि यदि हमारे पास खुद की छत होगी तो हम धूप-पानी सबसे सुरक्षित रहेंगे।
Ghar बनाने के लिए ईट, रेती, सीमेंट सबकी आवश्यकता होती है। इन सबके बिना घर नहीं बन सकता है। यदि कोई आपसे ये कहें की आप ईट, रेती, सीमेंट के बिना भी घर बना सकते हैं और वो भी ऐसा जो आपको ठंडक भी प्रदान करेगा। तो क्या आप इस बात पर यकीन कर पाएंगे। लेकिन हम आपको आज एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने बिना रेती, सीमेंट के ही घर बनाने की नई तकनीक निकाली है।
हम बात कर रहे हैं हरियाणा के रोहतक के रहने वाले डॉ. शिव दर्शन मलिक के बारे में। शिव दर्शन मालिक साल के लाखों रूपए कमा रहे हैं और साथ ही वह अपने कार्य के जारी पर्यावरण को भी बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है कि कोई लाखों रुपये कमाते हुए पर्यावरण को संरक्षित कर रहा है।
डॉ. शिव दर्शन मलिक पिछले करीब 5 साल से गोबर से सीमेंट, पेंट और ईंट बना रहे हैं। साथ ही वह लोगों को अपना Ghar बनाने के लिए ये इको-फ्रेंडली ईट और सीमेंट खरीदने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं। ना सिर्फ गाँव बल्कि अब तो शहरों में भी गोबर से बनी ईट और सीमेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसकी डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। अपनी गोबर की ईंटों को उन्होंने गौक्रीट नाम दिया है और प्लास्टर को वैदिक प्लास्टर।
विदेशों में इको-फ्रेंडली Ghar देख आया आईडिया
दरअसल, शिव दर्शन जब अमेरिका और इंग्लैंड गए तब उन्होंने ये देखा कि कैसे वहां के लोग सीमेंट और कंक्रीट से बने Ghar में रहने के बजाय इको फ्रेंडली घरों में रहना ज्यादा पसंद करते हैं। फिर शिव दर्शन को एक आईडिया आया और उन्होंने अपने आईडिया पर रिसर्च करना शुरू कर दी।
गाँव के सभी लोग अपने Ghar को बनाने में गोबर का इस्तेमाल करते हैं। इससे न तो गर्मी में ज्यादा गर्मी महसूस होती है, न ठंड में ज्यादा ठंड। गोबर थर्मल इंसुलेटेड होता है। यही सब देख कर शिव दर्शन ने गाय के गोबर से पेंट और सीमेंट तैयार करने के बारे में सोचा। पहले उन्होंने खुद इसका इस्तेमाल किया और फिर गाँव के लोगों से इसका उपयोग करने का कहा। धीरे-धीरे शिव दर्शन ने अपने काम को और बढ़ाया और लोगों ने उनके इस प्रोडक्ट को इस्तेमाल करना भी पसंद किया।
आज शिव दर्शन की गोबर से बनी चीजों को Ghar बनाने के लिए इतना पसंद किया जा रहा है कि हर साल 5 हजार टन सीमेंट बना रहे हैं। साथ ही गोबर से बने पेंट और ईट भी काफी बिक रही है। उनका ये प्रोडक्ट ना सिर्फ हरियाणा बल्कि झारखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में इस्तेमाल हो रहा है। शिव दर्शन अब अपने इस बिजनेस से 50 से 60 लाख रुपए सालाना कमा रहे हैं। वह 100 से ज्यादा लोगों को इस काम की ट्रेनिंग ट्रेनिंग दे चुके हैं।
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