पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए बहुत से कारण जिम्मेदार हैं, जिनमें से सबसे बड़ा कारण है Plastic । पिछले कुछ समय से प्लास्टिक पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा बनकर उभरा है। हम हर पल प्लास्टिक का किसी ना किसी रूप में सुबह से लेकर रात तक इस्तेमाल करते हैं।
अब तो देश में ज्यादातर जगहों पर Plastic बैन कर दिया गया है। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान भी चलाया जा रहा है। लेकिन फिर भी कहीं ना कहीं चोरी-चुपके प्लास्टिक का लेनदेन चल ही रहा है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि पूरी दुनिया में प्लास्टिक का उपयोग इस कदर बढ़ चुका है और हर साल पूरी दुनिया में इतना प्लास्टिक फेंका जाता है कि इससे पूरी पृथ्वी के चार घेरे बन जाएं।
देश को Plastic मुक्त करने के लिए यूँ तो कई तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं लेकिन जम्मू कश्मीर के एक गाँव में जो अभियान चल रहा है, उसकी हर जगह चर्चा हो रही है। दक्षिणी कश्मीर में एक सरपंच ने अपने गांव को कचरा मुक्त बनाने के लिए एक अनोखी पहल शुरू की।
कश्मीर के अनंतनाग जिले में सादिवारा ग्राम पंचायत के सरपंच फारूक अहमद गनई अपने गाँव को Plastic मुक्त करने के लिए खूब मेहनत कर रहे हैं। पेशे से वकील गनई गाँव को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए कई तरह की कोशिशें कर चुके हैं, लेकिन गांव के लोगों का सहयोग नहीं मिलने से उनके ज्यादातर प्रयास निष्फल ही साबित रहे।
ऐसे में फारूक अहमद गनई ने अनोखा तरीका आज़माया। उनका ये तरीका सफल भी हुआ और अब ये हालत है कि लोग अपने घरों में Plastic का कचरा इक्कट्ठा करने लगे हैं। उन्होंने प्लास्टिक लेने के बदले सोना का सिक्का देने की स्किम लॉन्च की। गनई ने बताया कि, उन्होंने लोगों से 200 किलो प्लास्टिक के बदले एक सोने का सिक्का देने का वादा किया था। 200 किलो से कम पॉलीथिन लाने वालों को एक चांदी का सिक्का दिया जाता है। इसके बाद महज दो सप्ताह में उनका गांव प्लास्टिक मुक्त हो गया।
15 दिन में Plastic मुक्त हुआ गाँव
फारूक अहमद गनई के इस अभियान को बहुत लोकप्रियता मिली है। उनके इस अभियान के चलते पूरा गाँव महज 15 दिन में Plastic मुक्त हो गया। जनवरी में तो जिला आयुक्त ने भी उनके गाँव को प्लास्टिक मुक्त घोषित कर दिया है। अनंतनाग के सहायक विकास आयुक्त रियाज अहमद ने इस बारे में बताया कि, सादिवारा कश्मीर का पहला गांव है, जिसे प्लास्टिक प्रदूषण मुक्त घोषित किया गया है।