Petrol Pump Scam/ आजकल धोखाधड़ी के कई मामले सामने आ रहे हैं। जैसे जैसे हिंदुस्तान में महंगाई बढ़ती जा रही है। वैसे वैसे लोगों के दिलों में बेइमानी भी बढ़ रही है। आजकल इसी के साथ धोखाधड़ी की वारदातें भी सामने आ रही हैं। किसी को पहले यह भी नहीं पता था कि पेट्रोल पम्प (Petrol Pump)पर भी धोकाधड़ी हो सकती है।
आज एक तरफ़ जनता इस बात से जागरुक है तो दूसरी तरफ़ धोखा देने वालों ने अपनी चालाकियों से चलें बदल ली है। बता दें आपको कि पेट्रोल पम्प (Petrol Pump) पर ज़ीरो दिखायी देने पर भी ग्राहकों को धोखा दिया जा रहा है। इन धोखेबाज़ों से जागरूकता की कड़ी ज़रूरत है। आज हम आपको बताएँगे पेट्रोल पम्प (Petrol Pump) पर किए जाने वाले धोके।
सच्ची घटना पर आधारित है यह कहानी
एक शख़्स अपनी गाड़ी में पेट्रोल भरवाने गया। वह उसे 350 का पेट्रोल (Petrol) डलवाना था। इस पेट्रोल पम्प पर दो लोग एक साथ सक्रिय होते हैं। एक आदमी ने पेट्रोल (Petrol) डालना शुरू किया और सिर्फ़ 150 का पेट्रोल (Petrol) डाल कर रुक गया। गाड़ी वाला सतर्क था और पेट्रोल डलवाते समय उसकी नज़र पेट्रोल (Petrol) के मीटर पर थी। उसने तुरंत पकड़ लिया और कहा कि मुझे 350 का पेट्रोल डलवाना था तुमने 150 का ही डाला है।
इसपर वह आदमी बातें बनाने लगा और बोला कि मुझे लगा 150 का पेट्रोल डालना है। मैं 200 का और डाल देता हूँ। वही दूसरा आदमी अब इस आदमी को बातों में लगाने लगा। ग्राहक सतर्क था और पूरे टाइम उसने मीटर से अपनी नज़र नहीं हटायी। जिसके कारण पेट्रोल (Petrol) पर उसने दो किश्तों में 350 का पेट्रोल डलवा लिया। अगर किसी ग्राहक की नज़र मीटर पर नहीं होती है तो पेट्रोल डालने वाले लोग धोखा दे देते हैं।
पेट्रोल भरवाते समय रखें मीटर पर नज़र
पेट्रोल भरवाते समय ग्राहकों से निवेदन है कि अपनी नज़र मीटर पर ही रखें। दरअसल आजकल देखा गया है कि पेट्रोल भरवाते समय धोखाधड़ी की वारदातें बहुत ज़्यादा मात्रा में बध गयी हैं। पेट्रोल भरवाते समय ग्राहक का ध्यान अगर मीटर की सुई पर नहीं होता है तो पेट्रोल भरने वाले कर्मचारी अक्सर धोका दे देते हैं और कम पेट्रोल डाल कर ग्राहकों से ज़्यादा पैसे ऐंठ लेते हैं। इस धोखेबाज़ी से बचने के लिए ज़रूरी है कि ग्राहक अपनी नज़र सुई पर ही टिकाए रखें। इसके अलावा सुई देखते वक्त ज़ीरो का ख़याल रखें।
ज़ीरो का रखें ख़याल
पेट्रोल भरवाते समय ग्राहक इस बात की जागरूकता रखें कि मीटर कहाँ लगा हुआ है। अक्सर पेट्रोल पम्प पर बहुत सारे पेट्रोल डालने वाले मौजूद होते हैं और इसी अफ़रा तफ़री में पेट्रोल भरवाते वक्त मीटर नहीं देख पाते। इस बाद का ख़ास ख़याल रखें कि किस नम्बर के पेट्रोल मीटर से पेट्रोल भर रहा है और उस मीटर के डिजिटल टाइमर पर अपना पेट्रोल चेक करें। साथ ही इस बात का ख़ास ख़याल रखें कि पेट्रोल भरवाने से पहले सुई 0 पर हो। अक्सर पेट्रोल कर्मचारी सुई 0 से अधिक रख कर पेट्रोल काम भरते हैं। और यह केस काफ़ी मात्रा में रिपोर्ट हुए हैं। तभी ग्राहकों से निवेदन है कि पेट्रोल की सुई का ख़ास ख़याल रखें।
ज़ीरो के अलावा रखें इस बात का भी ख़याल
आजकल पेट्रोल पम्प पर होने वाली धोखाधड़ी से सभी जागरूक हैं। पर अभी भी लोगों में पूरी तरह से जागरूकता नहीं है। अक्सर पेट्रोल भरवाने गया ग्राहक मीटर पर ज़ीरो का और पैसों का ख़याल रखता है। परंतु आज भी बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें नहीं पता होगा कि पेट्रोल की डेंसिटी बहुत ज़रूरी होती है। दरअसल पेट्रोल कि डेंसिटी एक वह पहलू होता है जिससे पेट्रोल की क्वालिटी का अंदाज़ा होता है।
यह हमेशा पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरने वाले स्टेशन के बॉक्स पर लिखा होता है। हर पेट्रोल बॉक्स पर रेट और डेंसिटी ज़रूर मौजूद होती है। अगर कहीं पर यह नहीं लिखी है तो वह क़ानूनन अपराध है। पेट्रोल की डेंसिटी अगर 730 से 800 के बीच है तो वह शुद्ध माना जाएगा। वहीं, अक्सर डीजल की डेंसिटी 830 से 900 के बीच होती है। इन आँकड़ों से ऊपर या नीचे की श्रेणी अगर लिखी है तो इसका मतलब उस पेट्रोल में मिलावट है।