Jackie Shroff ने शेयर किए चॉल में बिताये दिनों की कहानी, जब मां की खांसी भी सुनाई देती थी

Jackie Shroff, जिन्हें बॉलीवुड में जग्गू दादा के नाम से भी जाना जाता है, एक उम्दा अभिनेता हैं और इसके साथ ही एक ज़िंदादिल इंसान भी हैं।

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Jackie Shroff का बचपन

Jackie Shroff अपने इस नेचर का सारा क्रेडिट अपनी मां को देते हैं, जिन्हें वो अपनी पूरी दिल से समर्पित हैं। जैकी ने अपनी ज़िंदगी की शुरूआत एक चॉल में करी। वह बचपन से लेकर 31 साल की उम्र तक मुंबई के एक चॉल के 10×10 की खोली में रहते थे। इस चॉल में Jackie Shroff अपनी मां, डैडी और भाई के साथ रहते थे।

jackie shroff parents

Jackie Shroff ने चॉल के माध्यम से अपने दिल की सभी ख्वाहिशों को पूरा करना सीखा। यहां रहते हुए वह बहुत सारे लोगों के साथ जुड़ते थे और सभी की मदद करने का प्रयास करते थे। चॉल में रहने के दौरान Jackie Shroff को सबसे अधिक महत्वपूर्ण बात यह सिखाई गई कि हमेशा दूसरों की मदद करना और उन्हें सम्मान देना चाहिए।

“गुफ़्तगू” में किया पुराने दिनों को याद

Jackie Shroff, जो बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता हैं, अपने पुराने दिनों को याद करते हुए हाल ही में राज्यसभा टीवी के शो “गुफ़्तगू” में शामिल हुए। उन्होंने इस मौके पर कई ऐसे वाक्यों को साझा किया, जिनके सुनने से दिल भर आएगा।

Jackie Shroff

Jackie Shroff ने यह कहा कि जब वह बचपन में हीरो बनने की चाहत रखते थे, तो उन्हें अपने दोस्तों के साथ अभिनय का रंगमंच बना लेना पड़ता था। उन्होंने इस बारे में कहा, “जब भी मैं अपने दोस्तों के साथ गली में खेलता था, तो हम अकसर एक अद्वितीय कहानी तैयार कर लेते थे। हम खुद को एक्शन हीरो और विलेन मानकर आपस में लड़ते और चीखते रहते थे।

इसके अलावा, Jackie Shroff ने अपने साथी अभिनेता धर्मेंद्र के बारे में भी कुछ खास कहा। उन्होंने कहा, “धर्मेंद्र सर बहुत ही अद्भुत अभिनेता हैं। उनका अभिनय मुझे हमेशा प्रेरणा देता है। मैं उनके साथ काम करते समय हमेशा खुशी और संतोष महसूस करता हूँ।

Jackie Shroff ने अपने जीवन की एक और महत्वपूर्ण बात साझा की, “मेरे पास कोई विशेष फार्मूला नहीं है। मैं बस किसी के साथ काम करते समय समय पर अपनी कसोटी बदल लेता हूँ। मैं हमेशा नए चुनौतियों को स्वीकार करता हूँ और उन्हें पूरा करने का प्रयास करता हूँ।”

Jackie Shroff  द्वारा दी गई यह वायरल क्लिप में एक दिलचस्प कथा के बारे में बताई गई है। इस क्लिप में वे अपनी परवरिश के दौरान हुए त्याग के विषय में बात कर रहे हैं।

Jackie Shroff ने बताया कि जब उनके पास पैसों की कमी थी और उनकी मां ने जग्गू दादा की 10वीं की फ़ीस भरनी थी, तो उन्होंने अपनी साड़ी और बर्तन बेच दिए थे। इससे स्पष्ट होता है कि Jackie Shroff  कितने गरीबी के दौर से गुजर रहे थे, लेकिन उन्होंने इस चुनौती का सामना करने के लिए जो संकल्प दिखाया है, वह आदर्शवादी और प्रशंसनीय है।

मां से मिली प्रेरणा

Jackie Shroff के अनुसार, उनकी मां रीता श्रॉफ़ हमेशा से ही उन्हें यह सिखाती रही हैं कि दूसरों की इज़्ज़त करनी चाहिए और भूखे लोगों को खाना खिलाना चाहिए। यह दिखाता है कि माता-पिता के द्वारा उन्हें नेक और मानवीय आदर्शों की प्रेरणा मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका दिल उनकी मां का है और दिमाग़ उनके पिता का है, जिससे यह साफ होता है कि उन्होंने अपने माता-पिता के संदेशों को मनन किया है और उनकी मार्गदर्शन में रहने का प्रयास किया है।

Jackie Shroff On How He Reinvented Himself For The Web Series Format | Verve Magazine

इस क्लिप के माध्यम से, Jackie Shroff ने अपने जीवन के एक महत्वपूर्ण पहलू को साझा किया है और दर्शकों को एक मानवीय संदेश दिया है। यह समझाता है कि माता-पिता की मार्गदर्शन कितना महत्वपूर्ण होता है और हमें उनके दिए गए संदेशों को समझना चाहिए। इसके साथ ही, यह वायरल क्लिप एक प्रेरणादायक कहानी के रूप में भी कार्य करता है, जो हमें सामर्थ्य और संकल्प की महत्वता को समझाती है।

वायरल क्लिप एक प्रेरणादायक कहानी

वीडियो में शेयर की Jackie Shroff ने कुछ ऐसी बातें जो आज तक कोई नही जानता, आईये जाने उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ ऐसे रोचक पहलू:

“दसवीं की मेरे पास फीस नहीं थी तो वह साड़ी बेच दिया करती थी या अपने बरतने बेचकर वह पढ़ाई है हमें तो ऐसी अम्मी थी हमारी”

“हमेशा कहा लोगो की इज्जत करते रहे लेकिन इतना भी मत झुक जा कि लोग पायदान बना दे तेरे पे”

“इतना ही झुक जितने से पगड़ी न गिरे। वह सब चीज़ें जो सीखी उनसे की इज्जत सबको दे”

“किचन हमेशा तेरा गरम… चूल्हा गरम रख, जिसको भी कुछ खाना है खिलाते रहे। पैसे ही न हों कहीं से ले ले मगर खुला लोगो को।”

Netizens can't keep calm as Jackie Shroff poses with a plant at the Nita Mukesh Ambani Cultural Centre launch-Entertainment News , Firstpost

“हैं एक खोली में रहते थे जब मै खास्ता था 8 9 साल का था मेरी मां उठ जाती थी। क्या हुआ बेटे? ठीक तो है ना।”

“मां खासती थी तो हम उठ जाते थे भाई उठ जाता था डैडी उठ जाते थे। सब चेक करते थे कि सब ठीक है ना पानी दूं?”

“यहां पर मैं पैसे कमा लिया और दीवार बन गई। ये मेरा बेडरूम बन गया। मां को बेडरूम दे दिया।”

“मुझे खुशी हुई कि मैंने मां बेडरूम दे दिया मगर हुआ कि उनका हार्ट अटैक हुआ और सुबह देहांत हो गया मतलब वह मर गई वहां पर राजी को जान छोड़ दी होगी बेचारे ने।”

“अगर दीवारे न होती तो शायद बच जाता काश मैं उठा लेता और ले जाता अस्पताल।”

“दो पैसे कमा लिए दीवारें आ गई बीच में…रिलेशन चला गया।”

“यानी रिलेशन तो वहीं था मगर नजदीकियां, एक दूसरे के सांस के सांस को मिलाकर एक ही रूम में सोना वो चला गया..।”

The industry has experimented with me a lot," says Jackie Shroff | Filmfare.com

Jackie Shroff की आगामी फिल्में कब्ज़ा और बाप जल्द ही दर्शकों के सामने आएंगी। जैकी दादा अपने फिल्मी कैरियर में तकरीबन 250 से ज़्यादा मूवीज कर चुके हैं।

 

 

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