Rivaba Jadeja/ चेन्नई सुपर किंग्स की IPL 2023 जीत तो ध्यान से देखी गई है, लेकिन क्या आपने रिवाबा जडेजा के रहस्यमयी व्यवहार को ध्यान से नोटिस किया है? जब पति रविंद्र जडेजा की टीम ने जीत दर्ज की, तो रिवाबा (Rivaba) ने मैदान में आकर उनके पैर छूकर उन्हें गले लगाया। यह नाजुक संयोग ही क्या है, या इसमें कुछ अधिक छिपा है?
रिवाबा जडेजा (Rivaba) की आँखों में छिपी हुई भावनाएं और उनके सिर पर पल्लू रखने की आदत ने इंटरनेट पर अभिसारित हो गया है। लोग उनकी इस व्यवहारिकता के पीछे के रहस्य को समझने की तलाश में हैं। रिवाबा जडेजा कौन हैं? उनकी ये अनोखी हरकतें और रहस्यमयी भूमिका क्या हैं? यह सवालों से भरपूर चरित्र की उत्सुकता सभी को दिख रही है।
रिवाबा (Rivaba) की तस्वीरें वायरल होने लगी हैं और लोग उनके बारे में अधिक जानने के लिए बेताब हैं। क्या वो केवल एक पत्नी हैं जो अपने पति की जीत पर गर्व महसूस कर रहीं हैं, या क्या उनके पीछे कुछ अनोखा और रहस्यमयी है? रिवाबा जडेजा की प्रतिभा और प्रतिबिंब उनके पति की तुलना में कैसे हैं? इन सवालों के जवाब खोजते हुए हम रिवाबा के बारे में अधिक जानने की कोशिश करेंगे।
कौन हैं Rivaba Jadeja?
रिवाबा जडेजा (Rivaba) का जन्म गुजरात में 1990 में हुआ था और उनके परिवार में उनके पिता हरदेव सिंह सोलंकी और माता प्रफुल्लबा सोलंकी शामिल हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा को अच्छी तरह से पूरा करते हुए राजकोट के Atmiya Institute of Technology and Science से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इस संकाय के तहत, वे इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपने दक्षता को प्रदर्शित करते थे।
रिवाबा जडेजा (Rivaba) के जीवन का एक महत्वपूर्ण घटना है उनकी भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की। इस दौरान, वे नेतृत्व और सामरिक गुणों के कारण अपने आदर्शों को उच्च स्थान पर उठाते हुए उभरती हुईं। रिवाबा की राजनीतिक विचारधारा में गहराई और दृढ़ता है, और वे अपने समर्पण और कुशलता के कारण पार्टी के अन्य सदस्यों की प्रशंसा प्राप्त करती हैं। इसके अलावा, उन्होंने जनसंपर्क और सामाजिक कार्यों में भी गहरी रुचि दिखाई है।
महिला इकाई से सम्बंध है
रिवाबा एक राजनैतिक परिवार से संबंध रखती हैं और उनके चाचा हरि सिंह सोलंकी गुजरात के कांग्रेस नेता हैं। यह परिवारिक संबंध राजनीतिक मायने रखता है, जो उन्हें राजनीति के दौर में एक मजबूत पृष्ठभूमि प्रदान करता है।
रिवाबा की राजनीतिक करियर में वे राजपूत संगठन करणी सेना के महिला इकाई की अध्यक्ष रह चुकी हैं। यह संगठन एक प्रतिष्ठित राजपूत समुदाय की गठन की ओर प्रयासरत है और महिला सदस्यों को अधिक सक्रिय रूप से राजनीतिक प्रक्रियाओं में शामिल होने का मौका देता है। रिवाबा ने इस महिला इकाई की अध्यक्षता में अपने नेतृत्व कौशल को दिखाया है और सदस्यों के अधिकारों की संरक्षण के लिए संघर्ष किया है।
इसके अलावा, रिवाबा ने 2022 में Gujrat विधानसभा चुनावों में जामनगर नॉर्थ चुनाव क्षेत्र में उम्मीदवारी की और 88,835 वोटों के साथ जीत हासिल की। इस चुनावी प्रदर्शन ने उनकी प्रतिभा और जनसमर्थन को साबित किया है और उन्हें गुजरात राज्य में एक मान्यता प्राप्त नेत्री के रूप में स्थापित किया है।
फिर शामिल हुई भारतीय जनता पार्टी में
रिवाबा जडेजा (Rivaba) की भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से उनके जीवन में एक नया मोड़ आया है। यह पहल उनकी संघर्षपूर्ण और सफलतापूर्ण यात्रा का सबूत है, जिसने उन्हें आज यहाँ तक पहुंचाया है। रिवाबा जडेजा ने अपनी परिश्रम, प्रतिबद्धता, और नेतृत्व के माध्यम से लोगों के दिलों में अपनी एक विशेष पहचान बनाई है।
यहाँ तक कि रिवाबा (Rivaba) के राजनीतिक पथ पर चलते हुए, उनकी योग्यता और निष्ठा के कारण, लोगों की उम्मीदें उन पर बढ़ी हैं और उनके बारे में और भी अधिक जानने की उत्सुकता बढ़ गई है।
रविंद्र-रिवाबा की लव स्टोरी
रविंद्र जडेजा और रिवाबा (Rivaba) की प्रेम कहानी वास्तव में रोमांटिक है, जहां उन्होंने अपनी लव मैरिज को एक अरेंज मैरिज में बदला। यह जोड़ी पहली बार एक पार्टी में मिली। रिवाबा रविंद्र की बहन की अच्छी दोस्त थी। रविंद्र जब पहली बार उनसे मिले, उन्हें रिवाबा से प्यार हो गया था।
दोनों परिवारों की रज़ामंदी के बाद, वे 5 फ़रवरी को सगाई करने का निर्णय लिया। यह सगाई खास तौर पर रविंद्र जडेजा के खुद के रेस्टोरेंट “Jaddu’s Food Field” में आयोजित की गई। इसके बाद, 17 अप्रैल को दोनों शादी के पवित्र बंधन में बंध गए। इस साथीपन का प्रतीकित करते हुए, रविंद्र और रिवाबा ने एक दूसरे के साथ एक नया अध्याय शुरू किया। उनकी प्रेम कहानी ने उनके जीवन को एक नया आनंद और पूर्णता का अनुभव कराया है।
नरेंद्र मोदी से मिला सम्मान
2022 में, रविंद्र जडेजा और उनकी पत्नी रिवाबा (Rivaba) ने अपनी पुत्री के 5वें जन्मदिन पर एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल की घोषणा की। इस अवसर पर, वे 101 ज़रूरतमंद बच्चियों के लिए “सुकन्या समृद्धि प्लान” के तहत बैंक खाता खोलने का फैसला लिया था। यह कार्यक्रम, बेटियों के भविष्य की सुरक्षा और वित्तीय स्वावलंबन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
इस महत्वपूर्ण कदम की प्रशंसा करते हुए, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविंद्र और रिवाबा को सराहा। प्रधानमंत्री ने उन्हें एक प्रशस्ति पत्र भेजकर उनके सामाजिक संघर्ष में लिए गए कदमों की प्रशंसा की और इस सामाजिक पहल को सराहा। इस सामारिक पहल के माध्यम से, रविंद्र और रिवाबा ने एक संदेश भी दिया, जिससे लोगों को बेटियों के प्रति संवेदनशीलता के महत्व के प्रति जागरूक किया गया।
यह प्रशंसा और सराहना पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविंद्र और रिवाबा को मिली, इसे एक महत्वपूर्ण मान्यता के रूप में देखा जा सकता है। इससे स्पष्ट होता है कि रविंद्र और रिवाबा की सामाजिक सेवा को सरकार और नेताओं द्वारा मान्यता दी जाती है और इसे सामाजिक उपयोग के लिए उदाहरण के रूप में प्रशंसा की जाती है।