Success story: लहरों से लड़ कर नौका पार करने वाले 5 होनहारों की कहानियां, जो मुसीबतों को मात देकर बने IAS अफसर

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Success story/ संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 का परिणाम जारी किया जा चुका है, जिसे जानकर हमें बहुत गर्व महसूस हो रहा है। इस सामरिक यात्रा में शामिल होने वाले सभी उम्मीदवारों को हमारी तरफ़ से बधाई और शुभकामनाएं। यह रिजल्ट (Success story) एक बार फिर से दर्शाता है कि मेहनत, समर्पण और संघर्ष से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

ये सभी कहानियां (Success story) हमें यह सिखाती हैं कि जीवन में सफलता की दौड़ में हार नहीं होती, बल्कि उच्चतम सपनों को प्राप्त करने के लिए हमें आवश्यकता होती है सिर्फ एक बड़ा कदम उठाने की। ये कहानियां (Success story) हमें साबित करती हैं कि इंसान अपनी किस्मत खुद लिख सकता है और सामर्थ्य और संघर्ष से वह सबको पीछे छोड़ सकता है। हमें इन कहानियों (Success story) से प्रेरणा मिलती है और ये कहानियाँ साबित करती हैं कि एक निरंतर प्रयास के बाद हम सपनों को पूरा कर सकते हैं और सफलता के मुकाम को हासिल कर सकते हैं।

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1. Success story/बजरंग यादव

आपको जानकर हैरानी होगी इस शख़्स के बारे में। बता दें कि यूपी स्टेट के बस्ती जिले के गुड्डी गांव में एक किसान के बेटे बजरंग यादव ने भी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में सफलता हासिल की है। बजरंग यादव 454वीं रैंक प्राप्त कर आए हैं। बजरंग यादव के लिए यूपीएससी परीक्षा पास करना बेहद कठिन था। उनके जीवन में कई कठिनाइयां आयी। इन मुश्किलों की शुरुआत तब हुई जब उनके पिता राजेश यादव की हत्या हो गई थी।

बताया जाता है कि बजरंग के पिता ने अपना ज़्यादातर समय गांव में गरीबों और बेसहारा लोगों  की मदद करने में लगा दिया करते थे। पिता के निधन ने उनको बहुत ही कमजोर कर दिया था। तभी उन्होंने अपने आपको संभाला और हिम्मत नहीं हारी। पिता की स्मृति को सम्मानित करते हुए उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का फ़ैसला लिया और सफलता प्राप्त करने तक अपना संघर्ष जारी रखा।

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2. Success story/ हुसैन सैयद

27 साल के हुसैन सैयद अपने माता-पिता के अनपढ़ होने के बावजूद यूपीएससी की परीक्षा पास कर अपने इलाके के लिए एक सेलिब्रिटी बन गए हैं। हुसैन ने ग़रीबी और कठिनाईयों के बीच अपने हौसलों को बुलंद रखा और मेहनत के दम पर पांचवीं कोशिश में यूपीएससी परीक्षा में 570वीं रैंक हासिल की है (Success story)।

आपको जानकर अफ़सोस होगा कि हुसैन मुंबई के एक झोपड़पट्टी इलाके में निवास करते हैं, जहां अधिकांश लोग डॉक का काम कर के परिवार का और अपना पेट भरते हैं। उनके पिता रमजान इस्माइल सैयद के बारे में बात करें तो वह भी इंदिरा डॉक में लोडिंग और अनलोडिंग सेक्शन में काम करते हैं और मजदूरी के द्वारा परिवार का पेट पालते हैं। उनकी मेहनत रंग लाई है और अब उनके बेटे ने IAS अफसर के रूप में सफलता हासिल की है (Success story)।

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3. Success story/ सूरज तिवारी

यह एक ऐसे शख़्स का क़िस्सा है जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएँगे। यह एक ऐसे शख़्स हैं जिन्होंने एक ऐक्सिडेंट में अपने दोनो पैर और वक हाथ खो दिया था। यही नहीं आपको बता दें कि इनके दूसरे हाथ में भी सिर्फ़ तीन उँगलियाँ है। लेकिन अंगों की कमी कभी ज़हन कम नहीं कर देती है। मैनपुरी, उत्तर प्रदेश के निवासी सूरज तिवारी ने यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 2022 में 917 रैंक हासिल की है।

एक हादसे में अपने शरीर के आवश्यक अंगों को खोने के बावजूद, उन्होंने अपने आंतरिक जज्बे को कमजोर नहीं होने दिया। वे मुश्किलात और आर्थिक संकट के बावजूद मेहनत के साथ पढ़ाई की और यूपीएसी परीक्षा को पास किया। सूरज के पिता, रमेश कुमार दर्जी, मैनपुरी के कुरावली गांव में एक छोटी सी सिलाई की दुकान चलाते हैं। उन्होंने ANI को बताया, “मैं आज बहुत खुश हूं, मेरे बेटे ने मुझे गर्वित किया है। वह बहुत साहसिक है। उसके लिए उसकी तीन उंगलियां ही काफी हैं जो सफलता की ओर पहुंचने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।”

4. Success story/ दिव्या तनवार

दिव्या तंवर, जो 2021 में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में सफलता के साथ ऑल इंडिया रैंक 438वां हासिल की, एक आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने पहले ही प्रयास में परीक्षा पास की थी, जब उनकी आयु मात्र 21 साल थी। दिव्या तंवर, हरियाणा के महेंद्रगढ़ के गांव निंबी से हैं, ने अपने आईपीएस बनने तक की कहानी के साथ ही इस वर्ष की UPSC परीक्षा में एक और नई कहानी लिखी है। वे अपने दूसरे प्रयास में भी UPSC में शानदार प्रदर्शन करते हुए 105वां रैंक हासिल किया हैं। दिव्या ने नवोदय विद्यालय से अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की है।

दिव्या तंवर के घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। उनके परिवार पर दुखों का बहुत बोझ था, जब 2011 में उनके पिता की मृत्यु हो गई। उस दुःखद घटना के बाद, उनकी मां ने बहुत मेहनत करके उन्हें पढ़ाया। दिव्या ने महेंद्रगढ़ के राजकीय महिला कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई करने के बाद, उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी शुरू की थी और अब वे IAS अधिकारी बनकर परिवार का नाम रौशन कर रही हैं।

5. Success story/ मोहित कुमार

मोहित कुमार, जो मेरठ, उत्तर प्रदेश के निवासी हैं, ने यूपीएससी 2022 की परीक्षा में 512वीं रैंक हासिल की है। उनके पिता पीतम सिंह ने नौकरी करते हुए अपने बेटे की पढ़ाई की और उन्हें अफसर बनने के लिए तैयार किया। मोहित ने 8वें प्रयास में यह सफलता प्राप्त की है। पहले उन्होंने 2019 बैच में डिप्टी जेलर के पद की प्राप्ति की थी और वर्तमान में वे मैनपुरी, उत्तर प्रदेश में डिप्टी जेलर के पद पर तैनात हैं।

साप्ताहिक रिपोर्टों के अनुसार, मोहित के दादा दाताराम गांव में मिट्टी के बर्तन बनाते थे। उनका सपना था कि उनका पोता बड़ा होकर अधिकारी बने। दादा ने ही मोहित को मेहनत करने का मार्ग दिखाया था, जिस पर वह निरंतर चलता रहा और संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता हासिल की, जिससे उन्होंने अपने गांव और परिवार का नाम रोशन किया है। इसके कारण अब उनके परिवार में पूरी खुशहाली का माहौल है।

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