Madhavan की प्रेम कहानी अद्भुत और रोमांटिक है, जहां उनकी पत्नी सरिता बिरजे पहले उनकी क्लास की एक स्टूडेंट थीं। जब राहुल Madhavanकी फिल्म ‘रहना है तेरे दिल में’ रिलीज़ हुई थी, तो लाखों लड़कियां उनकी दीवानी हो गई थीं। वह खुदको उनकी प्रेमिका समझती थीं, लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि Madhavan ख़ुद अपनी क्लास की स्टूडेंट से शादी कर चुके हैं।
Madhavan और सरिता की पहली मुलाकात उनकी कक्षा में हुई, जहां सरिता एक आदर्श छात्रा थीं। उनकी पढ़ाई में ध्यान देने और प्रतिभा के कारण, Madhawanने उन्हें अपनी इंटरनशिप पर अपने साथ जाने का आमंत्रण दिया। जैसे-जैसे वक़्त गुजरता गया, दोनों के बीच एक गहरा बंधन बंधता गया। उनका मास्टर-स्टूडेंट वाले रिश्ते को एक प्रेमी-प्रेमिका का रूप लेने में समय नहीं लगा।
जब इंटरनशिप की प्रक्रिया समाप्त हुई, तो Madhavan ने सरिता को अपने परिवार के साथ अपने घर बुलाया और उस समय उन्होंने अपनी भावनाओं का इजहार किया। सरिता भी इस रिश्ते को अपनाने के लिए तैयार थीं।
वैवाहिक जीवन में Madhavan और सरिता ने अपनी प्रेम की मिठास बरकरार रखी और साथ ही दूसरे क्षेत्रों में भी सफलता प्राप्त की। इस प्रेम कहानी ने देश भर में लोगों को प्रेरित किया और उन्हें यह सिखाया कि प्रेम कहानियां अक्सर अनूठी होती हैं।
राहुल Madhavan ने अपनी शिक्षा की शुरुआत महाराष्ट्र के कोल्हापुर स्थित राजाराम कॉलेज से की थी। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई में महारत हासिल करने के बाद, महाराष्ट्र के किशनचंद चेलाराम कॉलेज से पब्लिक स्पीकिंग में मास्टर डिग्री भी प्राप्त की। इसके बाद, आर. Madhavan ने पर्सनैलिटी डेवलपमेंट और पब्लिक स्पीकिंग के क्षेत्र में अपनी क्लास शुरू की।
कोल्हापुर में एक वर्कशॉप के दौरान ही, राहुल Madhavan ने पहली बार सरिता बिरजे से मिले। इस मुलाकात ने दोनों के जीवन को नया रंग दिया। उनके बीच दोस्ती पलती रही और धीरे-धीरे वह प्यार में बदल गई। इस प्रक्रिया में, माधवन ने अपनी प्रिय सरिता को दिल की बातें बताईं और उन्होंने इसे स्वीकार भी कर लिया।
Madhavanऔर सरिता की प्रेम कहानी महानतम समरसता और समझदारी की मिसाल है। उनकी इस प्रेम कहानी ने हमें यह सिखाया है कि प्यार का रंग किसी भी समय, किसी भी स्थान पर और किसी भी सामाजिक मानदंड के बावजूद बदला जा सकता है।
सन् 1991 में, सरिता ने Madhavan की कक्षाएं ज्वाइन कीं। इसका कारण था कि वह एयरहोस्टेस बनना चाहती थी और उसके लिए उसे इंटरव्यू क्लियर करना था। सरिता ने पब्लिक स्पीकिंग और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट की क्लासें लेना शुरू कीं, और माधवन ने उन्हें अच्छे से सिखाया। उनकी अच्छी शिक्षा के कारण, सरिता ने इंटरव्यू सफलतापूर्वक पास कर लिया। खुशी में, सरिता ने माधवन को एक डिनर पर बुलाया।
एक बातचीत के दौरान, माधवन ने बताया, “मैं कोल्हापुर में पर्सनैलिटी डेवलपमेंट क्लासें पढ़ा रहा था। उसी समय सरिता से मिला था। वह एयरलाइंस में नौकरी पाने की तैयारी कर रही थी और इसलिए उन्होंने मेरी कक्षाएं ज्वाइन कीं। जब उन्होंने यह सफलतापूर्वक पास किया तो उन्हें लगा कि इसके पीछे मेरे पठन-पाठन का भी महत्वपूर्ण योगदान है और उन्होंने इसका आभार व्यक्त करने के लिए मुझे एक डिनर पर ले गईं। इसी तरह हमारी कहानी की शुरुआत हुई थी।”
Madhavan और सरिता बिरजे की प्रेम कहानी एक पारंपरिक तमिल शादी में घुल मिली। और उन्होंने अठ साल की डेटिंग के बाद वर्ष 1999 में शादी की। साथ ही, वर्ष 2005 में उन्होंने एक सुंदर बेटे को जन्म दिया और उसका नाम वेदांत रखा। अब तक उनकी शादी को 24 साल हो चुके हैं और वे खुशहाल शादीशुदा जीवन बिता रहे हैं। इस जीवनसंगी में, वह एक-दूसरे के साथ संघर्षों, सुख-दुःख और खुशियों को साझा करते हुए खुद को समृद्ध महसूस करते हैं यह उनकी प्यार और समर्पण से भरी खुशहाल जीवन की एक अद्वितीय कहानी है।
Madhavan की शादी के बाद, वह फ़िल्म इंडस्ट्री में बहुत सफल होने लगे। उनकी पहली तमिल फ़िल्म ‘अलैपायुथे’ साल 2000 में रिलीज़ हुई, जिसमें वह लीड रोल में थे। साल 2001 में, आर. माधवन ने दीया मिर्ज़ा के साथ बॉलीवुड डेब्यू फ़िल्म ‘रहना है तेरे दिल में’ की। इसके बाद, उन्होंने वापस मुड़कर नहीं देखा और कई शानदार फ़िल्मों में काम किया। माधवन ने ‘गुरु’, ‘3 इडियट’, ‘तनु वेड्स मनु’, ‘तनु वेड्स मनु: रिटर्न्स’, ‘साला खड़ूस’ और ‘रॉकेट्री – द नंबी इफेक्ट’ जैसी कई शानदार फ़िल्मों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी प्रतिभा, परफ़ॉर्मेंस और अदाकारी ने लोगों के दिलों में जगह बना ली है। आज वह एक विश्वसनीय और प्रशंसित अभिनेता हैं, जो मेहनत और संघर्ष के माध्यम से अपनी स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म इंडस्ट्री में मान्यता प्राप्त कर चुके हैं।
माधवन की पत्नी, सरिता बिरजे, उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वह एक प्यारी पत्नी, साथी और समर्थक हैं जो उनके साथ हर कदम पर हैं। सरिता ने माधवन के सपनों को पूरा करने में उन्हें हमेशा सहायता दी है।
सरिता ने Madhavan के साथ एक परस्पर समझबूत रिश्ता बनाया है और उनकी करियर में उन्हें पूरा समर्थन दिया है। वह उनके साथ हर चरण में खड़ी रही हैं, चाहे वह फ़िल्म इंडस्ट्री में सफलता हो या व्यक्तिगत जीवन में संतुष्टि की प्राप्ति हो। उनके परिवार में बेटे वेदांत के माता-पिता के रूप में, सरिता ने अपना बच्चे के साथ अद्वितीय तरीके से समय बिताने का साहस दिखाया है।
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