ठाणे में निवास करने वाली कराड फैमिली का जिक्र करते हुए, इस लेख में एक दिलचस्प परिवर्तन के बारे में चर्चा की जाएगी। यह लेख उन Parents के बारे में है जो अपने बच्चों के शिक्षानुसार ख़ुशियों को महत्व देने की प्रेरणा देते हैं।
कुछ Parents ऐसे होते हैं जो अपने बच्चों से उच्चतम अंकों की उम्मीद रखते हैं। उन्हें यह लगता है कि उनके बच्चे के लिए सफलता की परिभाषा सिर्फ उच्च अंकों में ही मौजूद होती है। ऐसे Parents के लिए बच्चे के 90 प्रतिशत अंक आने पर भी ख़ुशी की कमी महसूस होती है। उनकी अपेक्षा अधिकतम अंकों से आगे की होती है और इससे उनके बच्चों पर दबाव बढ़ता है।
हालांकि, ठाणे में रहने वाली कराड फैमिली इस तालिका से अलग है। वे Parents अपने बच्चे के उपलब्धियों पर गर्व महसूस करते हैं, चाहे वह उच्च अंक हों या न हों। उन्हें यह समझ में आता है कि शिक्षा केवल अंकों पर ही निर्भर नहीं होती है, बल्कि एक संतुलित विकास पर भी ध्यान देना चाहिए।
ये Parents अपने बच्चों को प्रोत्साहित करते हैं, उनकी रुचियों को समझते हैं और उन्हें उनकी प्राथमिकताओं के लिए समर्पित करते हैं। इस तरीके से, कराड फैमिली अपने बच्चों को एक स्वतंत्र, स्वाभाविक और समर्थ व्यक्ति के रूप में परिणत करने का प्रयास करती है।
महाराष्ट्र के 10वीं कक्षा के परीक्षाओं के हाल ही में जारी होने के संदर्भ में, एक दिलचस्प लेख जिसमें विशाल कराड, जो एक ऑटो चालक के पुत्र हैं, ने 35% अंक प्राप्त करके पास किया है। यह लेख विशाल के Parents की कठिनाइयों, उनके ग़रीबी के संकटों और उनकी संघर्षों के बारे में है।
विशाल के Parents ने बेटे की शिक्षा के लिए कठिनाइयों का सामना किया है। पिताजी एक ऑटो चालक हैं और माताजी हाउस हेल्प का काम करती हैं। उनके ग़रीब होने के कारण, उन्हें अपने बेटे को पढ़ाने में कठिनाइयाँ आईं, लेकिन वे ने इसका सामना किया और बेटे की शिक्षा को महत्व दिया। उन्होंने अपने परिवार के लिए और अपने बेटे के भविष्य के लिए समर्पण और प्रेरणा दिखाई।
विशाल के 10वीं कक्षा में पास होने पर, वे और उनके Parents ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर ख़ूब जश्न मनाया। वे लोगों के बीच मिठाई बांटे और ख़ुशी के इशारे किए। यह एक गर्व का पल था, जिसने दिखाया कि कठिनाइयों के बावजूद, परिश्रम और समर्पण से हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
विशाल को अपने पास हो जाने का पहले से यकीन नहीं था, लेकिन जब उन्हें परिणाम मिला तो वे हैरान रह गए। विशाल को सभी 6 विषयों में पासिंग मार्क्स मिले थे, जिसका मतलब था कि उन्हें हर विषय में 35 नंबर मिले थे। यह ख़बर विशाल के Parents को बताई गई, लेकिन उनकी भी ख़ुशी धीमी रह गई। विशाल के पिता ने बताया कि वे अपने बेटे के SSC परीक्षा पास होने पर गर्व महसूस कर रहे हैं, और उससे बड़ी ख़ुशी कुछ और नहीं हो सकती। इसके बावजूद, वित्तीय समस्याओं के बीच विशाल ने अपने Parents के समर्थन और प्रोत्साहन के बिना यह परीक्षा पास की है।
विशाल ने बताया है कि वे आगे भी पढ़ाई जारी रखेंगे और अपने Parents को अच्छी ज़िंदगी देने का प्रयास करेंगे। वे अपने पेरेंट्स के लिए आभारी हैं और इसलिए अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है।
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